Tuesday, September 29, 2009

बाँध लूँगा तुम्हे



तुम तब भी चली गई थी मुझे तनहा छोड़ कर ,

और कई दिनों तक बेचैन कर गई थी,

यूँ लगता था की सदीआं बीत गई है,

वक्त थम गया है, साँसें रुक गई हैं ,

तुम आज भी जा रही हो मुझे तनहा छोड़ कर ,

और ये भी जानती हो की तुम्हारे बिना ,

इक पल् भी नहीं काटना चैन से,

दिन ढलता नहीं रात गुज़रती नहीं ,

तुम्हारी राह देख देख नज़रें थकती नहीं,

जानता हूँ की तुम पास नहीं हो फिर भी ,

नज़रें हर दम बस तुम्हे ही ढूंढती हैं,

हर वक्त बस तुम्हारी कमी खलती है ,

इक टूटी हुई आस के सहारे साँस चलती है ,

जाने कब समझोगी तुम दर्द मेरा,

आ जाओ, तुम लौट के फिर आ जाओ,

देख लेना इस बार लौट के आओगी तो,

थाम लूँगा तुम्हे अपने आलिंगन में,

बाँध लूँगा तुम्हें प्यार के बंधन से,

और तुम्हें फिर कहीं जाने नहीं दूँगा ।

Saturday, September 5, 2009

कुछ कहना चाहता हूँ


न रहो मुझसे दूर अब तुम एक पल् के लिए भी ,


पास आओ मेरे, की मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ ,


मेरी आंखों में हैं , सोते जागते बस ख्वाब तुम्हारे,


मैं भी तुम्हारी नज़रों में हर दम रहना चाहता हूँ


पास आओ मेरे, की मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ ,


आ के बाँट लो तुम मेरी हर नन्ही सी खुशी भी ,


मैं तुम्हारा हर छोटा सा गम भी सहना चाहता हूँ,


पास आओ मेरे, की मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ ,


भर जाएगा तुम्हारा आँचल दुनिया भर की खुशियों से ,


बन कर आखरी आंसू मैं तुम्हारी आँख से बहना चाहता हूँ ,


पास आओ मेरे, की मैं तुमसे कुछ कहना चाहत हूँ


तोड़ कर सारे बन्धनों को तुम चली आओ मेरे पास ,


मैं अब उम्र भर बस तुम्हारे ही साथ रहना चाहता हूँ


पास आओ मेरे, की मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ ,