Saturday, September 5, 2009

कुछ कहना चाहता हूँ


न रहो मुझसे दूर अब तुम एक पल् के लिए भी ,


पास आओ मेरे, की मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ ,


मेरी आंखों में हैं , सोते जागते बस ख्वाब तुम्हारे,


मैं भी तुम्हारी नज़रों में हर दम रहना चाहता हूँ


पास आओ मेरे, की मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ ,


आ के बाँट लो तुम मेरी हर नन्ही सी खुशी भी ,


मैं तुम्हारा हर छोटा सा गम भी सहना चाहता हूँ,


पास आओ मेरे, की मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ ,


भर जाएगा तुम्हारा आँचल दुनिया भर की खुशियों से ,


बन कर आखरी आंसू मैं तुम्हारी आँख से बहना चाहता हूँ ,


पास आओ मेरे, की मैं तुमसे कुछ कहना चाहत हूँ


तोड़ कर सारे बन्धनों को तुम चली आओ मेरे पास ,


मैं अब उम्र भर बस तुम्हारे ही साथ रहना चाहता हूँ


पास आओ मेरे, की मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ ,

4 comments:

  1. sairam ji...
    hmm nice one... god has gifted/ blessed u with this poetic skills...
    keep it up...

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  2. very nice....bst lines is bankar aanso tumhari aankh se bhena chahta huuu...very touching,quite pure form of feelings portrait so delicately...nice sir..!!!

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  3. are itne pyaar se bulaao gey to najane kaun kaunaa jae ga phir sambhalna mushkil ho jai ga
    apr koi baat nahi bahut achha likh rahe ho ji mubarak

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