Saturday, November 7, 2009

वफ़ा मर गई है



तुमने मुझे बुलाया तो होता,

सुना है तुम्हारी वफ़ा मर गई है,

न मातम किया, न आँसू बहाए

न अर्थी सजायी, हमदम बुलाये ,

न नहलाया , न कफ़न पहनाया,

न दुशाला चढाया , न कन्धा लगाया ,

तुमने मुझे बुलाया तो होता ,

सुना है तुम्हारी वफ़ा मर गई है,

न चिता बनाई , न अग्नि दिखाई ,

न चौथा किया , न अस्तिआं बहाई ,

न पंडित बुलाया , न किर्या कराई।

तुमने मुझे बुलाया तो होता ,

सुना है तुम्हारी वफ़ा मुझे मालूम है

मुझे मालूम है तुमने क्या किया है ,

अपनी वफ़ा को दिल में ही दफना दिया है,

इक दिन देखना इक धुंआ सा उठेगा,

तुम्हारे दिल में मेरा प्यार फिर जी उठेगा

तुमने मुझे बुलाया तो होता,

सुना है तुम्हारी वफ़ा मर गई है




4 comments:

  1. wow so gud..its quite touching n so heavy words really you are gettng better day by day I bow u sir..:)

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  2. Thanks Vidisha. your comments inspire me..

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