Thursday, April 29, 2010

तेरा जादू


दींन की सुध है न दुनिया की खबर है ,


पता नहीं मुझ पर ये किस बात का असर है ,


तिनक धिन धिन मेरा मन डोल रहा है,


देख तेरा जादू मेरे सर चढ़ कर बोल रहा है ,


मन को पंख लगा , मैं तेरे द्वार आया हूँ,


जीत के दिल तुम्हारा, मैं अपना दिल हार आया हूँ,


तेरे ही सुर में मेरा सुर भी बोल रहा है,


देख तेरा जादू मेरे सर चढ़ कर बोल रहा है

Wednesday, December 30, 2009

तुम्हारा एहसास


कहने को तुम मेरे पास बैठी हो ,
पर तुम्हारा एहसास पल् पल्
मेरे अंदर दम तोड़ रहा है ,
एक दुसरे पर था जो हमें ,
वो विशवास अब साथ छोड़ रहा है ,
गलत फ़हमी हमारे दरम्यान
गहरी खाई खोद रही है ,
तुम्हारी बेरुखी हमारे दिलों के दरम्यान
मीलों की दूरी पैदा कर रही है ,
कहने को तुम मेरे पास बैठी हो,
पर तुम्हारा एहसास पल् पल्
मेरे अंदर दम तोड़ रहा है,
तुम्हे मिलने की चाहत दिल के
किस्सी कोने में दुबक रही है ,
रह रह जो आती थी तेरी याद ,
कहीं छुप कर बैठी सुबक रही है
कहने को तुम मेरे पास बैठी हो ,
पर तुम्हारा एहसास पल् पल् ,
मेरे अंदर दम तोड़ रहा है ,
नज़रों से नज़र मिला कर एक बार ,
कह दो सब कुछ पहले जैसा हो जाएगा ,
आँखों से निकला एक एक आंसू ,
सब गिले शिकवों को धो जाएगा ,
तुम्हारी कसम तुम्हारा एहसास ,
मेरे अंदर कभी दम नहीं तोड़ेगा ।

Thursday, November 26, 2009

नादान दिल

छोड़ मेरे नादान दिल अब,

फिर हो के आबाद क्या करना हैं,

जिसने भुला दिया है तुझको,

उसी को याद क्या करना है,

जो कल नही आई, आज भी नही आएगी,

झूठे वादों का ऐतबार क्या करना है,

ढूंढ लिया है मीत नया उसने,

अब तेर प्यार क्या करना है,

फेर ली है निगाहें तो उसके लिए,

एक आंसू भी बरबाद क्या करना है,

नहीं उसे तुझ से प्यार तो छोड़,

बार बार फ़रियाद क्या करना है।

Thursday, November 19, 2009

बुझ गया है दीप



बुझ गया है दीप अब दिल को जलाओ,

सिसकिआं बीता समय लेता ही रहेगा,

धमकिया संसार सदा देता ही रहेगा,

स्नेह की बूँदें ज़रा इस पर गिराओ,

बुझ गया है दीप अब दिल को जलाओ,

पग तिमिर को भेद बढ़ता ही रहेगा,

प्रलय की आंधी से लड़ता ही रहेगा,

व्यथित मन को ज़रा ढाढस बंधाओ,

बुझ गया है दीप अब दिल को जलाओ,

आंखों में पानी तो आता ही रहेगा,

हार मोतियों का सजाता ही रहेगा,

मूर्ति बन जाओ, हृदय मन्दिर सजाओ,

बुझ गया है दीप अब दिल को जलाओ।

Wednesday, November 18, 2009

टूटता दिल




डूबती कश्ती को एक तिनके का सहारा काफी नहीं ,

टूटते दिल को तेरी इक याद का सहारा काफी नहीं,

एक तरफ़ा प्यार कभी परवान नहीं चढ़ा करता ,

दरया-ऐ-इश्क को एक किनारे का सहारा काफी नहीं,

तुम रहने देना मैं अपनी लाश ख़ुद ही जला लूँगा ,

मेरे जीने के लिए तेरे झूठे वादे का सहारा काफी नहीं ।

Saturday, November 7, 2009

वफ़ा मर गई है



तुमने मुझे बुलाया तो होता,

सुना है तुम्हारी वफ़ा मर गई है,

न मातम किया, न आँसू बहाए

न अर्थी सजायी, हमदम बुलाये ,

न नहलाया , न कफ़न पहनाया,

न दुशाला चढाया , न कन्धा लगाया ,

तुमने मुझे बुलाया तो होता ,

सुना है तुम्हारी वफ़ा मर गई है,

न चिता बनाई , न अग्नि दिखाई ,

न चौथा किया , न अस्तिआं बहाई ,

न पंडित बुलाया , न किर्या कराई।

तुमने मुझे बुलाया तो होता ,

सुना है तुम्हारी वफ़ा मुझे मालूम है

मुझे मालूम है तुमने क्या किया है ,

अपनी वफ़ा को दिल में ही दफना दिया है,

इक दिन देखना इक धुंआ सा उठेगा,

तुम्हारे दिल में मेरा प्यार फिर जी उठेगा

तुमने मुझे बुलाया तो होता,

सुना है तुम्हारी वफ़ा मर गई है




Saturday, October 10, 2009

प्यार का फूल है



खता करे गर कोई तो, सज़ा मिलना उसूल है ,

मेरी खता की कोई सज़ा दो , मुझे कबूल है,

तुम न बुलाओगी तो, बोलूँगा मैं तुमसे,

ऐसा सोचती हो अगर, ये तुम्हारी भूल है,

कुछ तल्खिओं से प्यार मैला नहीं होता,

पोंछ दो ख्यालों से, ये बस वक्त की धूल है ,

सींचो तुम इसे अपनी मुस्कराहट से तो ये ,

फिर खिल उठेगा, ये प्यार का फूल है ।